हिन्दी भाषा : भावात्मक एकता की आधारशिला (14 सितंबर हिंदी दिवस विशेष )

हिन्दी भाषा : भावात्मक एकता की आधारशिला (डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर ) किसी राष्ट्र की एकता व संस्कृति के शक्तिशाली बनने का माध्यम भाषा है। भाषा के उत्थान एवं प्रचार में ही पूरे राष्ट्र का कल्याण समाहित है।मातृभाषियों की सँख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के सन् 1998 ई. के उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार हिन्दी को तीसरा स्थान दिया गया।सन् 1997 में सैन्सस ऑफ इण्डिया का भारतीय भाषा ओं के विश्लेषण का ग्रन्थ प्रकाशित हुआ। संसार की भाषाओं की रिपोर्ट तैयार करने के लिए यूनेस्को द्वारा सन्1998 में यूनेस्को प्रश्नावली भारतीय सरकार के केंद्रीय हिन्दी संस्थान के तत्कालीन निदेशक प्रोफैसर महावीर सरन जैन को भेजी गई।जिस आधार पर यह विश्व स्तर पर स्वीकार्य है कि मातृभाषियों की सँख्या की दृष्टि से हिन्दी का स्थान संसार की भाषाओं में द्वितीय है। * * * * * * * * * * * चमके है बिंदी सदा ,सुन्दर भाल नारी के बनी देश भारत की,पहचान हिंदी से।। * * * * * * * * * * * विश्व के लगभग 20वीं शती के अंतिम दो द...