बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!Dr.Purnima Rai
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!Dr.Purnima Rai
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं(बाल-गीत)
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं
सबक याद करवाऊँगा मैं!!
थैला मेरे पास है एक
जिसमें भरे खिलौने अनेक
सब बच्चों में बाँटूगा मैं
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं!!
भागी आयी रानी मीना
मोनू को भी मिला नगीना
बन्दर नाच दिखाऊँगा मैं
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं!!
लालपरी सी सुंदर गुड़िया
सोनपरी सी चहकी मुनिया
मीठा गान सुनाऊँगा मैं
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं!!
लट्टू घूमा शेरा उछला
पीपल का हर पत्ता डोला
हरियाली को लाऊँगा मैं
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं!!
जादू नगरी जादूगर की
सर्कस बढ़िया बाजीगर की
चँद सिक्के पा जाऊँगा मैं
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं!!
बच्चो मिलने मुझ को आना
दूर कभी मत मुझसे जाना
दिल में प्रेम सजाऊँगा मैं
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं!!
जागी बुधिया सोई थी जो
टूटा सपना रोई थी वो
रोती कली हँसाऊँगा मैं
अपनी छड़ी घुमाऊँगा मैं!!
डॉ.पूर्णिमा राय
Bhut khoob👏🏻
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