भूखा बचपन


भूखा बचपन (गीत )by Dr.Purnima Rai




भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है 

प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है


निर्धन के घर जन्म हुआ उसका क्या दोष

चार पैसे उसे दे दो न खाली होगा कोष

मां बापू के बिन ही वह तो पलता है

भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है

 प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है


अपने बच्चों की ख्वाहिश हर कोई पूरी करे

बाल बने मजदूर किसी को क्यों न दिखे

नंगे पांव धूप में तन जले चलता है

भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है 

प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है


कुछ तो बेबस कुछ जबरन मजदूर हुये

पढ़ने का न मोल वे थककर चूर हुये

'पूर्णिमा' सच्चे कर्म से आंगन फलता है

भूखा बचपन आज सड़क पर रुलता है 

प्यार किसी से उन्हें नहीं क्यों मिलता है


डॉ पूर्णिमा राय 

शिक्षिका एवं लेखिका

 पंजाब



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