अपठित गद्यांश :आओ NAS तैयारी करें

  

अपठित गद्यांश :आओ NAS तैयारी करें




1.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दें:-


भारत के वीर देश की आज़ादी की रक्षा की खातिर सदैव कुर्बान होने को लालायित रहते हैं। उनका ध्येय मात्र राष्ट्रीय पुरस्कार या सम्मान पाना ही नहीं होता बल्कि वे देश व देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद होने में गौरवान्वित महसूस करते हैं। ऐसे ही बुलन्द हौसले वाले, अटूट साहसी, जिन्हें मौत का डर न था। वे थे स्काड्रन लीडर अनिल शर्मा उर्फ 'नीलू'।
बाल्यकाल से ही दृढ़ निश्चयी नीलू अपनी बड़ी बहन 'शुभला' का दाखिला करवाने गए पिता से जिद्द पर उतर आए कि उन्हें भी स्कूल में भर्ती करवाया जाये। भला बाल हठ व दृढ़ निश्चय के सामने कौन नहीं झुकता ? पिता को उनका दाखिला चार वर्ष की आयु में ही प्रथम कक्षा में करवाना पड़ा।

प्रश्न:-1.अनिल शर्मा कैसे व्यक्ति थे? *
क)अटूट साहसी
ख)बुलन्द हौसले वाले
ग)जिन्हें मौत का डर न था
घ)उपरोक्त सभी

.प्रश्न :-2भारतीय जवान किस बात को लालायित रहते हैं? *
क) सम्मान पाने को
ख) पुरस्कार पाने को
ग) देश की खातिर कुर्बान होने को

घ) स्काड्रन लीडर बनने को

.प्रश्न :-3अनिल शर्मा की बहन का क्या नाम था? *
क)नीलू
ख)आज़ादी
ग)भारत
घ)शुभला

प्रश्न :-4.कुर्बान में 'र' के किस रूप का प्रयोग हुआ है? *
क)रेफ
'ख)र'
ग)पदेन
घ)उपरोक्त सभी

प्रश्न :-5.अगर आप सिपाही होते तो क्या करते? *
क)देश की रक्षा करते
ख)खूब मज़ा करते
ग)मौत से डर जाते
घ)उपरोक्त सभी

2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए बहुवैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दें-
पहले खेलकूद को लोग पढ़ाई में बाधा मानते थे । ऐसी मानसिकता सचमुच गलत थी ।अब लोगों की मानसिकता में परिवर्तन आया है । लोग जान चुके हैं कि पढ़ाई के साथ - साथ खेलों का भी जीवन में विशेष महत्व है । खेलों से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है । उसमें चुस्ती और फुर्ती आती है । पसीना बह जाने से शरीर की गंदगी बाहर निकलती है और रक्त संचार बढ़ जाता है । शरीर के साथ - साथ खेलों का बुद्धि पर भी प्रभाव पड़ता है । कहा भी गया है , " स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है । " शिक्षा का उद्देश्य है - विद्यार्थी की बहुमुखी प्रतिभा का विकास करना । खेलें शिक्षा के इस उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक बनती हैं । खेल के मैदान में विद्यार्थी अनुशासन , समय का पालन , सहयोग , सहनशीलता , नेतृत्व , दृढ़ता , दल - भावना गुणों को सहज ही सीख जाता है । इन सब बातों को देखते हुए सरकारें भी खिलाड़ियों को अधिकाधिक सुविधाएं देने में प्रयासरत हैं ।
प्रश्न 1 : - खेलों के बारे में लोगों की पहले क्या मानसिकता थी ? *

( क ) खेलों से शरीर स्वस्थ बनता
( ख ) खेलों को पढ़ाई में बाधक मानते थे ।
( ग ) खेलों से विद्यार्थी की बहुमुखी प्रतिभा का विकास होता है ।
( घ ) इनमें से कोई नहीं ।

प्रश्न 2 : - खेलों से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ? *
( क ) शरीर भारी हो जाता है ।
( ख ) शरीर में सुस्ती आती है ।
( ग ) शरीर में चुस्ती और फुर्ती आती है ।
( घ ) शरीर अस्वस्थ रहता है ।

प्रश्न 3 : -खेल के मैदान में विद्यार्थी में कौन से गुण पैदा होते हैं ?

( क ) अनुशासन
( ख ) समय का पालन
( ग ) सहनशीलता
( घ ) ये सभी

प्रश्न 4 : - ' बाधा ' शब्द का सही अर्थ चुनें । *
( क ) रुकावट
( ख ) अनपढ़
( ग ) दृढ़ता
( घ ) सहयोग

प्रश्न 5:- अगर आपका कोई दोस्त सारा दिन पढ़ाई में लगा रहता है और खेल-कूद में बिल्कुल ध्यान नहीं देता तो ऐसी स्थिति में आप क्या करोगे। *
(क)पढ़ाई के साथ-साथ खेलों के महत्व के बारे में बताएंगे।
(ख)खेलों से शरीर पर पड़ने वाले अच्छे प्रभावों के बारे में उससे बात करेंगे।
(ग) खेल के मैदान में विद्यार्थी द्वारा सीखे जाने वाले गुणों की चर्चा करेंगे।
(घ)उपरोक्त सभी 

3.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक  पढ़ कर उत्तर दे:

 सभी बच्चे मेले से खिलौने ख़रीद रहे हैं। महमूद सिपाही लेता है, मोहसिन को भिश्ती  पसन्द आया। नूरे को वकील से प्रेम हैं। हामिद के पास कुल तीन पैसे हैं। वह मिट्टी के कमज़ोर खिलौनों को पसंद नही करता क्योंकि वे मंहगे भी हैं। इसीलिए वह लोहे की दुकान पर जाता है। वहॉ उसे ख्याल आता है, दादी के पास चिमटा नही है। चिमटे के  बिना रोटी सेंकते समय उनका हाथ जलता है। यह सोच कर उसने तीन पैसे में एक चिमटा खरीद लिया


प्रश्न 1.: मिट्टी के कमजोर खिलौनों को कौन पसंद नहीं करता

क)महमूद

ख)हामिद

ग)मोहसिन

घ) नूरे


. प्रश्न 2. मेले से खिलौने कौन खरीद रहा था?

क) सभी बच्चे

ख) हामिद

ग) नूरे

घ) मोहसिन


प्रश्न 3. हामिद ने मेले से क्या खरीदा?

क) सिपाही

ख)भिश्ती

ग) चिमटा

घ)वकील


प्रश्न4. चिमटा किसके पास नहीं था?

क) दादी

ख) हामिद

ग) सिपाही

घ) वकील


प्रश्न  5. रोटी सेंकते समय किसका हाथ जल जाता था?

क) भिश्ती

ख) दादी

ग) नूरे

घ) वकील


4.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर सही उत्तर का चुनाव करें

प्रत्येक लेखक परंपरा से प्रभावित होता है और उसे प्रभावित भी करता है। जो लेखक अपने युग के अनुकूल परंपरा को अपनाता है वह सफल लेखक सिद्ध होता है। " लेखक का श्रेय इसी में है कि वह अपने युग की आवश्यकताओं के आलोक में परंपरा के यथोचित अंशों का ग्रहण और परित्याग करें।" इस प्रकार करने से वह अपनी परंपरा से अलग नहीं होगा, भटकाव की स्थिति में नहीं आएगा। वह नई दिशाओं की खोज करने में सक्षम हो जाएगा ।लेखक अपने पूर्व के लेखकों से जो अभिव्यक्ति के साधन, शिल्प का पूर्ण ज्ञान, निपुणता , कौशल , साहित्य के लिए प्रयुक्त विधियां विरासत में प्राप्त करता है, वह परंपरा है। परंपरा और समकालीनता एक दूसरे से जुड़ी हुई है क्योंकि जो आज हमें समकालीन लगता है वही आने वाले समय में परंपरित होगा उसी प्रकार जिसे हम आज परंपरा समझते हैं ,वह अपने बीते हुए समय में अर्थात अपने युग में समकालीन था। यह दोनों साथ साथ चलती हैं। प्रत्येक परंपरा कभी समकालीन थी और प्रत्येक समकालीनता कभी परंपरा होगी। दोनों रेखाओं की तरह हैं। अंतर है तो बस यह है कि परंपरा" खड़ी रेखा" और समकालीन "पड़ी रेखा" है अर्थात परंपरा को काटकर समकालीनता स्थापित होती है


प्रश्न 1. लेखक अपने पूर्व के लेखकों से विरासत में क्या प्राप्त करता है?

क) अभिव्यक्ति के साधन 

ख ) निपुणता ,कौशल

ग) शिल्प का पूर्ण ज्ञान

घ) उपर्युक्त सभी


प्रश्न 2. सफल लेखक किसे कहा गया है जो--

क)  परंपरा से प्रभावित होता है

ख) परंपरा को प्रभावित करता है

ग) अपने युग के अनुकूल परंपरा को अपनाता है

घ) क एवं ख

प्रश्न 3. लेखक का श्रेय किस में है

क) वह नई दिशाओं की खोज करने में सक्षम हो

ख) उसे शिल्प का पूर्ण ज्ञान हो

ग) वह परंपरा से अलग ना जाये

 घ)वह  परंपरा के यथोचित अंशों का ग्रहण और परित्याग करें

प्रश्न 4. परंपरा और समकालीनता दोनों साथ-साथ चलती है क्योंकि

क) दोनों रेखाओं की तरह हैं

ख) परंपरा "खड़ी रेखा" 

ग) समकालीनता "पड़ी रेखा" है

घ) उपरोक्त सभी


प्रश्न 5. उपयुक्त गद्यांश के लिये सटीक शीर्षक का चुनाव करें?

क) परंपरा और लेखक

ख) परंपरा और समकालीनता

ग)  परंपरा , समकालीनता एवं लेखक

घ) उपर्युक्त सभी


5.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक  पढ़ कर उत्तर दे:


भारतीय इतिहास में ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता से कभी हार नहीं मानी अपितु वीरता एवं साहस के बल पर दुनिया में अपनी ताकत का लोहा  मनवाया। राणा सांगा ने बचपन में अपनी एक आँख खो दी थी और बाद में युद्धों में एक हाथ और एक पैर को भी इन्होंने खो दिया किन्तु इस विकलांगता का उनकी वीरता और साहस पर कोई असर नहीं पड़ा। बड़े-बड़े शासक उनके नाम से थर-थर काँपते थे। राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक विरोधियों के दाँत खट्टे किये। इसी तरह महाराजा रणजीत सिंह की चेचक के कारण एक आँख खराब हो गयी थी। किन्तु फिर भी वे निराश नहीं हुए। उन्नीस वर्ष की आयु में उन्होंने लाहौर पर अधिकार कर लिया था। फिर धीरे-धीरे जम्मू कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि क्षेत्रों पर इन्होंने अधिकार कर लिया। अपने कुशल प्रबंध, वीरता, न्यायप्रियता, दयालुता और दानशीलता के कारण महाराज रणजीत सिंह को जाना जाता है।

(1) किसने लाहौर पर 19 वर्ष की आयु में अधिकार कर लिया था ?
(क) राणा सांगा

(ख) महाराजा रणजीत सिंह 

(ग) इब्राहिम लोदी

 (घ) मुलतान

(2) महाराजा रणजीत सिंह को किस लिए जाना जाता है?
(क) वीरता 

(ख) न्याय प्रियता 

ग) दयालुता

 (घ) उपरोक्त सभी

(3) राणा सांगा ने युद्धों में अपने शरीर का कौन-कौन सा भाग खो दिया था ?
(क) आँख और हाथ 

(ख) पैर और आँख 

(ग) हाथ और पैर 

(घ) उपरोक्त सभी

(4) दाँत खट्टे करना- मुहावरे का क्या अर्थ है?
(क) थर-थर काँपना

 (ख) निराश होना

 (ग) आँख खराब होना 

(घ) बुरी तरह हराना

5. महाराजा रणजीत सिंह ने लाहौर के बाद धीरे-धीरे किन क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया?
( क)जम्मू कश्मीर

 (ख)  मुलतान

 (ग) अमृतसर

 (घ) उपरोक्त सभी

6.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक  पढ़ कर उत्तर दे:


मिठाइयों के बाद कुछ दुकानें लोहे की चीज़ों की, कुछ गिलट और कुछ नकली गहनों की। लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण न था। वे सबके सब आगे बढ़ जाते हैं। हामिद लोहे की दुकान पर रुक जाता है। कई चिमटे रखे हुए थे। उसे ख्याल आया, दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती है, तो हाथ जल जाता है, अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे, तो वह कितनी प्रसन्न होगी। फिर उसकी उँगलियाँ कभी न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ हो जाएगी। अम्मा चिमटा देखते ही दौड़कर मेरे हाथ से ले लेगी और कहेगी - 'मेरा बच्चा, अम्मा के लिए चिमटा लाया है।' हज़ारों दुआयें देगी। फिर पड़ोस की औरतों को दिखायेगी। सारे गाँव में चर्चा होने लगेगी, हामिद चिमटा लाया है। कितना अच्छा लड़का है। इन लोगों के खिलौने देखने पर कौन इन्हें दुआयें देगा। बड़ों की दुआयें सीधे अल्लाह के दरबार में पहुँचती हैं और तुरंत सुनी जाती हैं। उसने दुकानदार से पूछा- यह चिमटा कितने का है ?
(1) हामिद अपनी दादी के लिए क्या लाया ?

(क) मिठाई (ख) गहने (ग) चिमटा (घ) दुआएं     
               
(2) दादी के हाथ क्या बनाते जल जाते थे?

(क) खिलौने 

 (ख) लोहे की चीजें

  (ग) नकली गहने 

  (घ) रोटी 

(3) हामिद किस दुकान पर रुक जाता है?
(क) लोहे की 

(ख) मिठाई की

  (ग) खिलौनों की 

 (घ) झूलों की 
    
(4) बड़ों की दुआएँ कहाँ पहुंचती है?

(क) छोटो के पास

 (ख) दुकानदारों के पास 

(ग) बच्चों के पास

 (घ) अल्लाह के पास   

5. यदि आप हामिद की जगह हो ते तो आप क्या करते?


( क) दादी की फिक्र करते

 (ख) दादी की फिक्र नहीं करते 

(ग) दादी को रोटी बनाकर खिलाते

 (घ) दादी को कोई बात नहीं मानते


7.. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़ कर वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (25/8/21)
निराशा अंधकार है। अंधकार में व्यक्ति भटक कर सो जाता है। वह असहाय हो जाता है। उसे लगता है कि उसके हाथ में कुछ भी नहीं। इसलिए वह निराशा का शिकार हो जाता है। कुछ आत्मविश्वासी लोग अंधेरे में भी प्रकाश की किरण लाने के लिए बेचैन रहते हैं। यह संघर्ष ही वास्तविक मानव की पहचान है। जो व्यक्ति संघर्ष करता है,  उसे कुछ ना कुछ सफलता अवश्य मिलती है। चाहे उसे जुगनू की रोशनी मिले या  दीए की- उसके मन में एक विश्वास जन्म लेता है। यहां तक की कभी-कभी उसकी अपनी आँखों की रोशनी ही तेज हो जाती है, इसलिए उसे रात के घने अंधेरे में भी दिखने लगता है। यही लोग समाज की आशा बनते हैं। महात्मा गाँधी हो या सुभाष चंद्र बोस या भगत सिंह- सब ने निराशा के बादलों को चीर कर नवनिर्माण के लिए संघर्ष किया। परिणाम स्वरूप देश आज़ाद हुआ। कौन सोच सकता था की अंग्रेज़ो का विशाल साम्राज्य ध्वस्त हो सकता है। किंतु एक लक्ष्य के लिए उठाए गए कुछ कदम एक विशाल सफलता के लिए सीढ़ी बन गए।अतः जीवन में सफलता के लिए एक ही मंत्र है कि एक लक्ष्य तय करो और उस मार्ग पर चल पड़ो। आत्मविश्वास से बढ़ाया गया एक-एक कदम हमें सफलता की ओर ले जाता है।


i. इस गद्यांश में अंधकार की तुलना किसके साथ की गई है? *

क)आत्मविश्वास
ख)सफलता
ग)निराशा
घ)नव निर्माण


ii. निराशा रूपी अंधकार में व्यक्ति क्या करता है? *

क)निराशा का शिकार हो जाता है
ख)बेचैन और असहाय हो जाता है
ग)भटक कर सो जाता है
घ)पूर्वोक्त सभी

iii. सफलता का मंत्र क्या है? *
क)एक लक्ष्य तय करो और उस मार्ग पर चलो
ख)आत्मविश्वास का साथ ना छोड़ो
ग)संघर्ष करते हुए ना डरो
घ)पूर्वोत्त सभी


iv. गद्यांश का शीर्षक क्या होना चाहिए? *

क)बलिदान
ख)देशप्रेम
ग)अविश्वास
घ)आत्मविश्वास


v. मान लीजिए जिंदगी में निराशा ने आपको घेर लिया है तो आप क्या करोगे? *

क)असहाय होकर बैठ जाओगे ।
ख)बेचैन होकर इधर-उधर भटक कर सो जाओगे ।
ग)निराशा के बादल चीर कर संघर्ष करोगे ।
घ)निराशा के शिकार हो कर आत्मविश्वास खो दोगे ।


8. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दें :
आदर्श व्यक्ति कर्मशीलता में ही अपने जीवन की सफलता  समझता है । जीवन का प्रत्येक क्षण वह कर्म में लगाता है । विश्राम और मनोरंजन के लिए उसके पास निश्चित समय रहता है । शेष समय उसका जन सेवा में व्यतीत होता  है । हाथ पर हाथ धरकर बैठने को वह मृत्यु समान समझता है । काम करने की उसमें लगन और उत्साह होता है ।  विपत्तियों में भी वह अपने चरित्र का सच्चा परिचय देता है ।  उसकी कार्यकुशलता को देखकर लोग दांतों तले उंगलियाँ दबाते हैं ।      (27/8/21)
                             
1. आदर्श व्यक्ति अपने जीवन का प्रत्येक क्षण किस में लगाता है ?

क)विश्राम में
ख)मनोरंजन में
ग)कर्म करने में
घ)बढ़ाई में

2. निम्नलिखित शब्दों में से कौन सा शब्द भाववाचक संज्ञा नहीं है ?
क)कर्मशीलता
ख)सफलता
ग)निश्चित
घ)कुशलता

3. उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा ?
क)आदर्श व्यक्ति
ख)कर्म का महत्व
ग)कर्मशील व्यक्ति
घ)संतोष ही धन है

4. कर्मशील व्यक्ति विपत्ति में किस प्रकार के चरित्र का परिचय देता है ?
क)सच्चे
ख)अहंकारी
ग)झूठे
घ)आलसी

5. अपनी दैनिक क्रियाओं में विश्राम और मनोरंजन के अतिरिक्त आप अपने समय का उपयोग किस प्रकार करेंगे ?
क)टीवी देख कर
ख)हाथ पर हाथ धरकर
ग)जन सेवा में
घ)खेल कूद कर


9.निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें -(29/8/21)

गुप्त जी की कविताओं मेें स्वदेश प्रेम, मानव प्रेम ,सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की भावना है] उन्होंने अपनी काव्य रचनाओं का आधार पौराणिक तथा ऐतिहासिक कथानकों को बनाया ।गुप्त जी ने नारी को अबला रूप से मुक्त करके उसे लोग सेविका तथा स्वाभिमानिनी के रूप में प्रस्तुत किया।उनकी प्रमुख रचनाएं हैं- रंग में भंग ,भारत भारती, जयद्रथ वध, साकेत, शकुंतला, चंद्रहास, किसान, पंचवटी, स्वदेश संगीत, गुरुकुल, झंकार, यशोधरा, द्वापर, मंगलधर,नहुष,विश्व वेदना आदि।गुप्त जी की अर्जन और विसर्जन में ईसाई संस्कृति ,'काबा और कर्बला' में इस्लाम, 'कुणाल 'में बौद्ध संस्कृति तथा 'अनध' में जैन संस्कृति की छाप है। आपकी 'प्लासी का युद्ध' 'मेघनाथ वध' 'स्वप्नवासवदता' 'रुबाइयात उमर खय्याम' आदि अनूदित रचनाएं हैं ।गुप्त जी को साकेत महाकाव्य पर मंगला प्रसाद पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त उन्हें आगरा विश्वविद्यालय से 'डी .लिट.'की मानद उपाधि तथा भारत सरकार की ओर से 'पदम भूषण' से अलंकृत किया गया। 12 वर्ष तक वे भारतीय संसद के मनोनीत सदस्य भी रहे ।सन् 1964 में गुप्त जी का निधन हुआ।


प्रश्न 1 - मैथिलीशरण गुप्त की कविताओं में किस की झलक मिलती है? *


क) स्वदेश प्रेम

ख) मानव प्रेम

ग) राष्ट्रीय एकता

घ) ये सभी


प्रश्न (2) उन्होंने अपनी काव्य रचनाओं का आधार किसे बनाया? *

क) पौराणिक कथानक

ख) ऐतिहासिक कथानक

(ग) क और ख दोनों

(घ) किसान


प्रश्न (3) जैन संस्कृति की छाप किस रचना में मिलती है? *

क) अर्जन और विसर्जन

ख) अनध

ग) पंचवटी

घ) कुणाल


प्रश्न (4) मैथिलीशरण गुप्त जी ने नारी को अपनी रचनाओं में किस रूप में प्रस्तुत किया है ? *

क) अबला के रूप में

ख) लोग सेविका तथा स्वाभिमानिनी

ग) क और ख दोनों ही

घ) शंकुतला


प्रश्न (5) गुप्त जी को किस महाकाव्य पर मंगला प्रसाद पुरस्कार मिला? *

क) साकेत

ख) मेघनाथ वध

ग) शकुंतला

घ) रंग में भंग















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