हिंदी दिवस (गीत)


 हिंदी दिवस (गीत)

  (डॉ.पूर्णिमा राय)




नाच लो गा लो मौज मना लो 

     हिंदी दिवस फिर आया है।

भारत देश की सुप्त आत्मा

       को जगाने आया है।।

हिंदी में हस्ताक्षर करना

       सब का ये ही कहना है,

हिंदी बोली मीठी लगती

       हिंदी दिल में रखना है,

पंजाबी,अंग्रेजी,हिन्दी का 

      भेद मिटाने आया है।

नाच लो गा लो मौज मना लो 

    हिंदी दिवस फिर आया है...।।

हिंदी का अखबार पढ़ो और

     हिंदी ज्ञान बढ़ाओ तुम,

हिंदी कविता,लेख लिखो और

 मैगज़ीन में छपवाओ तुम,

शुद्ध हिंदी बोलें और समझें 

जग को सिखाने आया है।

नाच लो गा लो मौज मना लो 

    हिंदी दिवस फिर आया है...।।

हिंदी इतनी नहीं है मुश्किल 

जितनी हमको लगती है,

भारत देश के भाल पे देखो 

हिंदी बिंदी सजती है,

चौदह सितम्बर हिंदी दिवस की

याद दिलाने आया है।

नाच लो गा लो मौज मना लो 

    हिंदी दिवस फिर आया है...।।

डॉ.पूर्णिमा राय,

शिक्षिका एवं लेखिका

आलोचना पुरस्कार विजेता

भाषा विभाग पटियाला, पंजाब 



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